फल खाएं अच्छी सेहत पायें-पपीता

पपीता

पपीते का पौधा पपीता एक फल है। कच्ची अवस्था में यह हरे रंग का होता है और पकने पर पीले रंग का हो जाता है। इसके कच्चे और पके फल दोनों ही उपयोग में आते हैं। कच्चे फलों की सब्जी बनती है। इन कारणों से घर के पास लगाने के लिये यह बहुत उत्तम फल है। इसके कच्चे फलों से दूध भी निकाला जाता है, जिससे पपेइन तैयार किया जाता है। पपेइन से पाचन संबंधी औषधियाँ बनाई जाती हैं पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है। अत: इसके पक्के फल का सेवन उदरविकार में लाभदायक होता है। पपीता सभी उष्ण समशीतोष्ण जलवायु वाले प्रदेशों में होता है। परिचय भारत में पपीता अब से लगभग 300 वर्ष पूर्व आया। आरंभ में भारतवासियों ने फलों में हीक के कारण इसको कदाचित् अधिक पसंद नहीं किया, परंतु अब अच्छी और नई किस्मों के फलों में हीक नहीं होती। शीघ्र फलनेवाले फलों में पपीता अत्यंत उत्तम फल है। पेड़ लगाने के बाद वर्ष भर के अंदर ही यह फल देने लगता है। इसके पेड़ सुगमता से उगाए जा सकते हैं और थोड़े से क्षेत्र में फल के अन्य पेड़ों की अपेक्षा अधिक पेड़ लगते हैं। इसके पेड़ कोमल होते हैं और पाले से मर जाते हैं। ऐसे स्थानों में जहाँ शीतकाल में पाला पड़ता हो, इसको नहीं लगाना चाहिए। यहाँ उपजाऊ, दुमट भूमि में अच्छा फलता है। ऐसे स्थानों में जहाँ पानी भरता हो, पपीता नहीं बढ़ता। पेड़ के तने के पास यदि पानी भरता है तो इसका तना गलने लगता है। पपीते के खेत में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए। इसका बीज मार्च से जून तक बोना चाहिए। प्राय: अप्रैल मई में बीज बोते हैं और जुलाई अगस्त में पेड़ लगाते हैं। यदि सिंचाई का सुप्रबंध हो तो फरवरी मार्च में इसका पेड़ लगाना अति उत्तम होता है। पेड़ लगाने के लिये पहले आठ या दस फुट के फासले से डेढ़ या दो फुट गहरे गोल गड्ढे खोद लेने चाहिए। गड्ढे के केंद्र में पेड़ लगाना चाहिए। पेड़ों की सिंचाई के लिये उनमें छल्लेदार थाले बनाकर आवश्यकतानुसार पानी देते रहना चाहिए। पपीते के पेड़ों में नर एवं मादा पेड़ अलग होते हैं। नर पेड़ों में केवल लंबे-लंबे फूल आते हैं। इनमें फल नहीं लगते। जब पेड़ फलने लगते हैं तो केवल १० प्रतिशत नर पेड़ों को छोड़कर अन्य सब नर पेड़ों को उखाड़ फेंकना चाहिए। पपीते के पेड़ में तीन या चार साल तक ही अच्छे फल लगते हैं। आवश्यकतानुसार यदि तीसरे चौथे साल पपीते के दो पेड़ों के बीच बीच में नए पेड़ लगते रहें तो चौथे पाँचवें साल नए फलनेवाले पेड़ तैयार होते जाते हैं। नए पेड़ तैयार हो जाने पर पुराने पेड़ों को उखाड़ फेंकना चाहिए। इसकी मुख्य किस्में हनीड्यू (मधुविंदु), सिलोन, राँची आदि हैं। Amount Per 100 grams

Total Fat 0.3 g 0%

Saturated fat 0.1 g 0%

Polyunsaturated fat 0.1 g

Monounsaturated fat 0.1 g

Cholesterol 0 mg 0%

Sodium 8 mg 0%

Potassium 182 mg 5%

Total Carbohydrate 11 g 3%

Dietary fiber 1.7 g 6%

Sugar 8 g Protein 0.5 g 1%

Vitamins beta-carotene lutein zeaxanthin

Vitamin A equiv. (6%) 47 μg (3%) 274 μg 89 μg

Thiamine (B1) (2%) 0.023 mg

Riboflavin (B2) (2%) 0.027 mg

Niacin (B3) (2%) 0.357 mg

Pantothenic acid (B5) (4%) 0.191 mg

Vitamin B6 (3%) 0.038 mg

Folate (B9) (10%) 38 μg

Vitamin C (75%) 62 mg

Vitamin E (2%) 0.3 mg

Vitamin K (2%) 2.6 μg

Trace metals Calcium (2%) 20 mg

Iron (2%) 0.25 mg

Magnesium (6%) 21 mg

Manganese (2%) 0.04 mg

Phosphorus (1%) 10 mg

Potassium (4%) 182 mg

Sodium (1%) 8 mg

Zinc (1%) 0.08 mg

Vitamin A 19%,       Vitamin C 101%      , Calcium 2%       Iron 1% ,       Vitamin D 0%

Vitamin B- 60% ,    Vitamin B- 120%,      Magnesium 5%

*Units μg = micrograms, mg = milligrams, IU = International units Per cent Daily Values are based on a 2,000 calorie diet. Your daily values may be higher or lower depending on your calorie needs.

रोग भगाता है पपीता इस पौष्टिक और रसीले फल से कई विटामिन मिलते हैं, नियमित रूप से खाने से शरीर में कभी विटामिन्स की कमी नहीं होती। बीमार व्यक्ति को दिए जाने वाले फलों में पपीता भी शामिल होता है, क्योंकि इसके एक नहीं, अनेक फायदे हैं। आसानी से अवशोषित होने से यह शरीर को काफी जल्दी फायदा पहुंचाता है। पपीता एक ऐसा फल है, जो कच्चा और पका हुआ दोनों ही रूप में खाया जाता है। कच्चा फल हरे रंग का दिखाई देता है, अधिकतर इसकी सब्जी बनाई जाती है। फल के रूप में ज्यादातर पका हुआ पपीता ही खाया जाता है। क्या-क्या मिलता है? प्रचुर मात्रा में विटामिन ए, बी और सी के साथ ही कुछ मात्रा में विटामिन-डी भी मिलता है। पपीता पेप्सिन नामक पाचक तत्व का एकमात्र प्राकृतिक स्रोत है। इसमें कैल्शियम और कैरोटीन भी अच्छी मात्रा में मिलता है। इसके अलावा फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भी होता है। पपीता सालभर बाजार में उपलब्ध होता है। पपीता के गुण हो सकता है कि आप में से कई लोगों को पपीता ना अच्छाट लगता हो लेकिन इसके कई स्वाकस्य्ें वर्धक फायदे हैं। छूने में बटर की तरह और खाने में सबसे स्वा्दिष्टस लगने वाले इस पपीते में विटामिन सी भरा होता है। पपीते में पपेन नामक पदार्थ पाया जाता है जो मांसाहार गलाने के काम आता है। भोजन पचाने में भी यह अत्यंत सहायक होता है।100 ग्राम पपीते में 18 कैलरी, एक से दो ग्राम प्रोटीन, एक से दो ग्राम रेशे तथा 70 मिग्रा लोहा होता है। साथ ही यह विटामिन सी और विटामिन बी का बड़ा अच्छा स्रोत है। इन्हीं गुणों के कारण इसे स्वास्थ्य के लिये सबसे लाभदायक फलों में से एक माना जाता है। फायदेमंद है यह फल – 1. हार्ट की बीमारी- पपीते में एंटीऑक्सीजडेंट और विटामिन ए, सी और इ पाया जाता है। इस ऑक्सीमडेंट से शारीर में कोलेस्ट्रॉमल नहीं जम पाता, जिससे वजह से हार्ट की बीमारी नहीं होती। इसके अलावा इसमें फाइबर होते हैं जो कोलेस्ट्रॉॉल को खून में कंट्रोल कर के रखते हैं। 2. पाचन तंत्र के लिये- पपीते के रस में ‘पॅपेइन’ नामक एक तत्त्व पाया जाता है, जो आहार को पचाने में अत्यंत मददगार साबित होता है। इसमें दस्त और पेशाब साफ लाने का गुण है। जिन लोगों को कब्ज की शिकायत हमेशा बनी रहती है, उन्हें पपीते का नियमित सेवन करना चाहिए। 3. एजिंग रोके- समय से पहले बूढा होना भला कौन चाहेगा। पपीता इसी को रोकता है। इस फल को खाने से हमारा शरीर भोजन से सारे पोषण आराम से ग्रहण कर लेता है, जिससे उसकी जरुरत पूरी हो जाती है। अब अगर शरीर में सारे जरुरी पोषण जाएंगे तो वह सालों साल जवान बा रहेगा। 4. कील मुंहासे- सौंदर्य प्रसाधनों में भी इसका प्रयोग होता है। पके हुए पपीते का गूदा चेहरे पर लगाने से मुहांसे और झांई से बचाव किया जा सकता है। इससे त्वचा का रूखापन दूर होता है और झुर्रियों को रोका जा सकता है। इस कारण चेहरे के दाग धब्बों को मिटाने के लिये इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक है। 5. कैंसर- पपीते में एंटी कैंसर के गुंण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और विटामिन इ शरीर में कैंसर सेल बनने से रोकते हैं। इसलिये आपको रोज अपनी डाइट में पपीता खाना चाहिये। 6. आंखों के लिये- पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसके सेवन से रतौंधी (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आँखों में ज्योंति बढ़ती है। पपीता से रक्तशुद्धि, पीलिया रोग का निवारण, अनियमित मासिक धर्म में हितकारी तथा सौंदर्य वृद्धि में सहायक होता है। पपीते में बड़ी मात्रा में विटामिन-ए होता है। इसलिए यह आंखों और त्वचा के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। इससे आंखों की रोशनी तो अच्छी होती ही है, त्वचा भी स्वस्थ, स्वच्छ और चमकदार रहती है। 7.पपीता पेट के लिए- बहुत फायदेमंद होता है। इससे पाचन तंत्र ठीक रहता है और पेट के रोग भी दूर होते हैं। पपीता पेट के तीन प्रमुख रोग आम, वात और पित्त तीनों में ही राहत पहुंचाता है। यह आंतों के लिए उत्तम होता है। पपीते में कैल्शियम भी खूब मिलता है। इसलिए यह हड्डियां मजबूत बनाता है। यह प्रोटीन को पचाने में सहायक होता है। पपीता फाइबर का अच्छा स्रोत है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, कैंसर रोधी और हीलिंग प्रॉपर्टीज भी होती है। जिन लोगों को बार-बार सर्दी-खांसी होती रहती है, उनके लिए पपीते का नियमित सेवन काफी लाभकारी होता है। इससे इम्यून सिस्टम मज़बूत होता है। इसमें बढ़ते बच्चों के बेहतर विकास के लिए ज़रूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। शरीर को पोषण देने के साथ ही रोगों को दूर भी भगाता है। पपीता नेत्र रोगों में हितकारी होता है, क्योंकि इसमें विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, इसके सेवन से रतौंधी (रात को न दिखाई देना) रोग का निवारण होता है और आँखों की ज्योति बढ़ती है। यकृत या प्लीहावृद्धि में कच्चे पपीते को जीरा, काली मिर्च तथा सेंधा नमक का चूर्ण छिड़क कर खाने से लाभ होता है। सेंधा नमक, जीरा और नीबू का रस मिलाकर पपीते का नियमित सेवन करने से मंदाग्नि, कब्ज, अजीर्ण तथा आंतों की सूजन में काफी लाभ होता है। दाँतों से खून जाता हो या दाँत हिलते हों तो पपीता खाने से ये दोनों शिकायतें दूर हो जाती हैं। बवासीर में प्रतिदिन सुबह खाली पेट पपीता खाएँ, इससे कब्ज दूर होगी। शौच साफ होगा और बवासीर से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि बवासीर का मूल कारण कब्ज ही है। फल खाएं अच्छी सेहत पायें रोगों को दूर भगाएं । https://sites.google.com/site/peptogawascom/ Peptogawas.com कई राही छोड़कर चले जाते है कदमो के निशाँ ,मगर ये पगडंडियाँ मंजिलो मुकाम तक पहुंचाती है कई कारवों को उतरे है दिल कई गहराई में और छु गये है जो मन को चंद अनुभव ,सोंदर्य ,आकर्षण और सोच ,शब्द बनकर जिन्दगी की किताब में एक मुकाम बना गये है /यदि आप कोशिश करे ,तो मुझ तक पहुँच जाएगे मेरे कदमो के निशाँ देखते देखते / आपके इंतजार में …… लेखक एवं संकलन कर्ता: पेपसिंह राठौड़ तोगावास Sign Up Log In https://www.facebook.com/pep.singh.9 https://plus.google.com/109797366860861666312/posts http://www.panoramio.com/user/8090653 https://www.youtube.com/watch?v=B

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